पाठ – 2
विश्व जनसंख्या वितरण,घनत्व और वृद्धि
This post is about the detailed notes of class 12 Geography Chapter 2 vishv janasankhya vitaran,ghanatv aur vrddhi (The World Population (Distribution, Density and growth) in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Geography as a subject and studying in class 12th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.
यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 भूगोल अध्याय 2 विश्व जनसंख्या वितरण,घनत्व और वृद्धि के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में भूगोल पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।
Board | CBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Geography |
Chapter no. | Chapter 2 |
Chapter Name | विश्व जनसंख्या वितरण,घनत्व और वृद्धि (The World Population (Distribution, Density and growth)) |
Category | Class 12 Geography Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
जनसंख्या
- किसी प्रदेश, राज्य या स्थान पर बसे हुए लोग
- किसी नगर या देश आदि में बसनेवाले मनुष्यों की कुल संख्या
- किसी क्षेत्र में रहने या बसनेवाले किसी जंतु की कुल संख्या
जनसंख्या वितरण
- जनसंख्या वितरण से अभिप्राय किसी विशेष क्षेत्र में लोगों के वितरण से है आसान भाषा में समझे तो किसी विशेष क्षेत्र मे लोग कितनी संख्या में रहते हैं और कहां रहते हैं उसी को जनसंख्या वितरण कहते हैं
जनसंख्या घनत्व
- प्रत्येक वर्ग किलोमीटर में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहा जाता है दूसरे शब्दों में कहें तो किसी देश के अंदर एक वर्ग किलोमीटर मैं रहने वाले लोगों की संख्या को उस देश का जनसंख्या घनत्व कहा जाता है
- जनसंख्या घनत्व मापने के लिए कुल जनसंख्या को कुल क्षेत्रफल से भाग दिया जाता है
- उदाहरण :-
- मान लीजिए किसी देश की जनसंख्या 1000000 है और वहां का क्षेत्रफल 10000 वर्ग किलोमीटर है
- इस स्थिति में वहां का जनसंख्या घनत्व 100 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर होगा
नोट :- ऐसे क्षेत्र जिनकी जनसंख्या 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक होती है उन्हें सघन आबादी वाला क्षेत्र कहा जाता है
जनसंख्या वृद्धि
- किसी क्षेत्र में एक विशेष समय के दौरान हुए जनसंख्या परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है
- अगर उस क्षेत्र की जनसंख्या उस समय के दौरान बढ़ती है तो उसे धनात्मक जनसंख्या वृद्धि कहते हैं
- अगर क्षेत्र की जनसंख्या उस समय के दौरान घटती है तो उसे ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक:-
- भौगोलिक कारक
- जल की उपलब्धता
- भू आकृति
- जलवायु
- मृदा
- आर्थिक कारक
- खनिज
- नगरीकरण
- औद्योगिकरण
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
- धार्मिक महत्व
- अशांति
- खराब सामाजिक वातावरण
- राजनीतिक कारण
- अस्थिर राजनीतिक स्थिति
- खराब कानूनी व्यवस्था
धनात्मक जनसंख्या वृद्धि
- अगर एक समय के दौरान किसी क्षेत्र में जनसंख्या बढ़ती है तो उसे धनात्मक जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है
ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि
- अगर एक समय के दौरान किसी क्षेत्र में जनसंख्या घटती है तो उसे ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि कहा जाता ह
जनसंख्या परिवर्तन के घटक
जन्म दर
अशोधित जन्म दर
- अशोधित जन्म दर का संबंध हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए गए जीवित बच्चों से है
- मान लीजिए अगर एक समय अंतराल के दौरान क्षेत्र में हजारे स्त्रियों द्वारा 20 बच्चों को जन्म दिया जाता है तो उस क्षेत्र की अशोधित जन्म दर 20 होगी
- सूत्र :-
मृत्यु दर
अशोधित मृत्यु दर
- 1 वर्ष के दौरान किसी क्षेत्र में हजार लोगों पर मरने वालों की संख्या को अशोधित मृत्यु दर कहा जाता है
- सूत्र :-
प्रवास
- व्यक्तियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की घटना को प्रवास कहते हैं
प्रवास के प्रकार
- स्थाई
- अस्थाई
- मौसमी
प्रवास की दिशाएं
- गांव से गांव
- गांव से नगर
- नगर से गांव
- नगर से नगर
प्रवासी
- वह व्यक्ति जो प्रवास करता है प्रवासी कहलाता है
प्रवासियों के प्रकार
अप्रवासीवह व्यक्ति होता है जो किसी नए स्थान पर जाकर रहने लगता है
उत्प्रवासी वह व्यक्ति होता है जो किसी क्षेत्र को छोड़कर चला जाता है
मान लीजिए अगर आप दिल्ली से जाकर मुंबई में रहने लगे तो मुंबई के लिए आप अप्रवासी हैं एवं दिल्ली के लिए आप उत्प्रवासी हैं
प्रवास का स्थान
उद्गम स्थान वह स्थान होता है जहां से कोई व्यक्ति किसी दूसरे शहर जाता है
गंतव्य स्थान वह स्थान होता है जहां पर व्यक्ति किसी दूसरे क्षेत्र से आता है
मान लीजिए अगर आप दिल्ली से जाकर मुंबई में रहने लगे तो दिल्ली आप का उद्गम स्थान और मुंबई आपका गंतव्य स्थान होगा
प्रवास के कारण
प्रतिवर्ष कारक
- प्रतिवर्ष कारक वह कारक होते हैं जिसकी वजह से एक व्यक्ति अपने रहने का स्थान छोड़कर किसी दूसरी जगह पर जाता है
- उदाहरण के लिए :- बेरोजगारी रहन-सहन की खराब दशाएं राजनीतिक अस्थिरता खराब जलवायु प्राकृतिक विपदा महामारी है सामाजिक पिछड़ापन आदि
अपकर्ष कारक
- अपकर्ष कारक वह कारक होते हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति किसी क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित होता है
- उदाहरण के लिए :- रोजगार के अवसर रहने की अच्छी स्तिथि अनुकूल जलवायु शांति और स्थिरता सुरक्षा आदि
अन्य महत्वपूर्ण बातें
जनसंख्या वृद्धि दर
- जब जनसंख्या के परिवर्तन को प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है तो उसे जनसंख्या वृद्धि दर कहते हैं
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि
- एक क्षेत्र के अंदर एक समय के दौरान मृत्यु और जन्म के बीच के अंतर के कारण बढ़ने वाली जनसंख्या को क्षेत्र की जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि कहा जाता है
जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि
- इसके अंदर प्राकृतिक जनसंख्या की वृद्धि के साथ-साथ प्रवास को भी शामिल किया जाता है
जनांकिकीय संक्रमण
- जनांकिकीय संक्रमण का सिद्धांत वर्तमान समय में किसी क्षेत्र की जनसंख्या का वर्णन करने और भविष्य में उसकी स्थिति का अनुमान लगाने में मदद करता है
इसकी तीन अवस्थाएं होती हैं
प्रथम अवस्था
- इस अवस्था में किसी क्षेत्र की जन्म दर और मृत्यु दर दोनों उस होते हैं
- जिस वजह से जनसंख्या वृद्धि दर धीमी होती है
- ज्यादातर लोग खेती का काम करते हैं
- जीवन प्रत्याशा कम होती है
- अधिकतर लोग अशिक्षित होते हैं और विकास की दर निम्न होती है
द्वितीय अवस्था
- इस अवस्था के प्रारंभ में उच्च प्रजनन दर होती है
- समय के साथ – साथ प्रजनन दर घटती रहती है
- स्वास्थ्य संबंधी दशाओं में सुधार के कारण मृत्यु दर कम होती है
- जनसंख्या वृद्धि दर धनात्मक रहती है
तृतीय अवस्था
- इस अवस्था में जन्म दर और मृत्यु दर दोनों कम होती है
- जनसंख्या की वृद्धि दर या तो स्थिर हो जाती है या धीमी रहती है
- जनसंख्या शिक्षित होती और नगरों का विकास हो चुका होता है
- शिक्षा एवं तकनीकी ज्ञान ज्यादा होने की वजह से व्यक्ति सोच समझ कर परिवार का विकास करता है
- जनसंख्या नियंत्रित रहती है
जनसंख्या की वृद्धि दर ज्यादा होने के प्रभाव
- जनसंख्या तेजी से बढ़ती है
- देश के संसाधनों पर दबाव पड़ता है
- प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है
- विकास में रुकावट आती है
- भरण-पोषण की समस्या पैदा होती है
जनसंख्या की वृद्धि दर नकारात्मक होने के प्रभाव
- देश की जनसंख्या धीरे-धीरे कम होने लगती है
- नए लोग कम पैदा होने की वजह से देश की जनसंख्या में वृद्धों की संख्या में वृद्धि होती है
- आश्रित जनसंख्या बढ़ती है
- विकास की गति में रुकावट आती है
जनसंख्या नियंत्रण करने के उपाय
- परिवार नियोजन
- लोगों में जागरूकता पैदा करना
- स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करना
- शिक्षा का प्रसार करना
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