भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (CH-2) Notes in Hindi || CBSE Board Class 10 Social Science Chapter 2 Notes in Hindi ||

पाठ – 2

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

This post is about the detailed notes of class 10 Social Science Chapter 2 bhaarateey arthavyavastha ke kshetrak (Sectors of the Indian Economy)  in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Social Science as a subject and studying in class 10th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 10 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.

यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 10  सामाजिक विज्ञान अध्याय 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 10वीं कक्षा में एक विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 10 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।

BoardCBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 10
SubjectSocial Science
Chapter no.Chapter 2
Chapter Nameभारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (Sectors of the Indian Economy)
CategoryClass 10 Social Science Notes in Hindi
MediumHindi
Class 10 Social Science Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (Sectors of the Indian Economy) in Hindi

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

  • भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
    • आर्थिक क्षेत्र
    • नियोजन क्षेत्र
    • स्वामित्व क्षेत्र

प्राथमिक क्षेत्रक

  • यह मुख्य रूप से भूमि या फिर जल से जुड़ी होती है। 
  • उदाहरण के लिए 
    • कृषि :-किसी भी प्राथमिक संसाधनों का उपयोग करके उसने किसी वस्तु का उत्पादन किया जाए तो उसे प्राथमिक क्षेत्र कहा जाता है कृषि कृषि और सहायक क्षेत्र भी कहा जाता है। 

द्वितीय क्षेत्रक

  • जब किसी प्राकृतिक उत्पादन वस्तु का उपयोग करके अन्य रूपों में परिवर्तित कर दिया जाता है, उसे द्वितीय क्षेत्र कहा जाता है।  
  • उदाहरण के लिए 
    • गन्ना और गुण इन्हीं गतिविधियों को इसी क्षेत्र में रखा जाता है इसे औद्योगिक क्षेत्र में कहा जाता है। 
    • यह प्राथमिक क्षेत्र के बाद अगला कदम है यह उत्पादित नहीं किया जाता है बल्कि निर्यात किया जाता है यह प्रक्रिया कारखाने कार्यशाला यह घर में हो सकती है। 

तृतीय क्षेत्र 

  • यह क्षेत्रक मुख्य रूप से सेवा प्रदान करता है।
  • इसके अंतर्गत प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र में मदद करता है य
  • ह क्षेत्र किसी भी वस्तु का उत्पादन नहीं करता है बल्कि उत्पादन में सहयोग देता है 
  • जैसे 
    • प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र द्वारा उत्पादित वस्तुओं के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को बेचने के लिए ट्रेनों और ट्रको द्वारा परिवहन करके एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है इसे सेवा क्षेत्र के भी कहा जाता है। 

अदृश्य बेरोजगारी

  • अदृश्य बेरोजगार उसे कहा जाता है, जहां पर देखने में लगता है कि यहां पर रोजगार है परंतु वहां पर रोजगार नहीं होता।  
  • उदाहरण के लिए 
    • हम बात करें किसानी की जब किसी खेत में तीन व्यक्तियों द्वारा खेती की जा सकती है 
    • परंतु वहां पर पूरा परिवार जुड़ा हुआ है तो इसका मतलब बाकी लोग बेरोजगार हैं क्योंकि उनके पास करने के लिए कोई कार्य नहीं है। 

संगठित क्षेत्र

  • जहां पर संगठनों द्वारा कार्य किया जाता है, उसे संगठित क्षेत्र कहा जाता है। 
  • उदाहरण के लिए 
    • सरकारी स्कूल यह सरकारी अधिकारी इसके अंतर्गत  रोजगार की अवधि निश्चित होती है और आए भी निश्चित होती है। 

असंगठित क्षेत्र

  • छोटी छोटी वह इकाइयां होती है जो कि सरकार के नियंत्रण से बाहर होती है, इसमें कुछ नियम और कानून होते हैं पर उसका पालन नहीं किया जाता है। 
  • उदाहरण के लिए 
    • अगर सरकार कोई भी नियम लागू करती है और उसका पालन कर भी सकती है और नहीं भी। 

सार्वजनिक क्षेत्र

  • इस क्षेत्र में सरकार का नियंत्रण होता है संपत्ति पर अधिकार भी सरकार का ही होता है और सेवा सेवाएं भी सरकार द्वारा ही प्राप्त होते हैं लेकिन यह जो क्षेत्र है वह सब के लिए होता है। 

निजी क्षेत्र 

  • निजी क्षेत्र वह क्षेत्र होते हैं जहां किसी व्यक्ति या कंपनी का स्वामित्व होता है क्षेत्र में सेवाएं निजी व्यक्ति या फिर कंपनी द्वारा दी जाती है। 

बुनियादी सेवाएं

  • हर क्षेत्र व राज्य किसी न किसी बुनियाद पर ही टिकी हुई है क्षेत्र (अस्पताल, पोस्ट सेवाएं, अदालत, कंपनी आदि) को बुनियादी सेवा कहा जाता है यह सेवाएं किसी भी क्षेत्र में होना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। 

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा

  • इसका मुख्य उद्देश्य रोजगार प्रदान करवाना है। 
  • यह अधिनियम भारत में एक गारंटी योजना प्रदान करता है अगर रोजगार नहीं दे पाते हैं तो यह भत्ता देते हैं। 
  • 25 अगस्त 2005 को विधानसभा द्वारा लागू किया गया था। 
  • इस योजना के अतिरिक्त ग्रामीण परिवार के एक वयस्क सदस्य को 100 दिन तक रोजगार उपलब्ध कराती है प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अगर यह सरकार रोजगार देने में असफल रहती है या रोजगार नहीं दे पाती है तो यह सरकार उन लोगों को बेरोजगारी भत्ता देती है। 

संघर्षात्मक बेरोजगारी

  • ऐसा संघर्ष जब रोजगार ढूंढने में दिक्कत आती हैं जब कोई व्यक्ति एक रोजगार छोड़कर दूसरे रोजगार की तलाश में जाता है तब उस बीच की अवधि को संघर्षात्मक अवधि या बेरोजगारी कहा जाता है। 

मध्यवर्ती वस्तु

  • इसका उपयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। 
  • मध्यवर्ती वस्तु के अंतर्गत वह वस्तुएं आती हैं जो किसी काम को खत्म होने से पहले इस्तेमाल में लाई जाती हैं मध्यवर्ती वस्तु में मूल्य निर्धारित नहीं होता है इसमें वृद्धि की जाती है। 

अंतिम वस्तु

  • इस अंतिम वस्तु  का उपयोग किसी भी अन्य कच्चे माल के रूप में नहीं किया जाता है मतलब जो वस्तु पूरी हो चुकी है वह अन्य किसी दूसरे कार्य के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता इसके मूल्यों में वृद्धि नहीं की जा सकती। 
  • हजारों की संख्या में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की गणना करना असंभव है। 
  • इस समस्या और समाधान के लिए छात्रों ने कुछ सुझाव दिए हैं जैसे की वस्तुओं और सेवाओं की वास्तविक संख्याओं का योग करने के स्थान पर मूल्य का उपयोग किया जाना चाहिए
  • जैसे 
    • किसान गेहूं को ₹10 किलो बेचता है।
    • मिल में गेहूं ₹12 किलो पिस्ता है मील वाला उस गेहूं को कंपनी को बेच देता है
    • कंपनी उस आटे को चीनी और तेल जैसी चीजों का उपयोग करके मिला देता है और एक बिस्कुट का पैकेट बना देता है। 
    • अब यह बिस्कुट वह ₹15 की कीमत में बेचता है और उपभोक्ता के पास पहुंच जाती है। 

केवल अंतिम वस्तुओं की गणना ही क्यों जाती जाती है?

  • क्योंकि इसके अंतर्गत अंतिम वस्तुओं के मूल्यों में मध्यवर्ती वस्तु का मूल्य पहले से ही शामिल होता है। 
  • तीनों क्षेत्र को के उत्पादनों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। 
  • यह किसी भी देश के भीतर इसी वर्ष में उत्पादक वस्तु का या सेवाओं का अंतिम मूल्य होता है यह कठिन कार्य केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। 

तृतीयक क्षेत्र महत्वपूर्ण क्यों है?

  • वर्ष 1973 74 और 2013 14 मैं सभी क्षेत्रों में विधि हुई परंतु सबसे ज्यादा वित्तीय क्षेत्र में देखने को मिली
  • यह सारे क्षेत्रक तृतीय क्षेत्र से जुड़े हुए हैं जिसकी वजह से  तृतीयक क्षेत्र में अधिक वृद्धि मापी गई है
  • पिछले कुछ वर्षों में लोगों की आय में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई जिसके कारण लोग   शॉपिंग निजी अस्पताल विद्यालय पर्यटन की मांग शुरू हुई

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