पाठ – 1
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
This post is about the detailed notes of class 10 Social Science Chapter 1 yoorop mein raashtravaad ka uday (The Rise of Nationalism in Europe) in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Social Science as a subject and studying in class 10th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 10 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.
यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान अध्याय 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 10वीं कक्षा में एक विषय के रूप में सामाजिक विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 10 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।
Board | CBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | Social Science |
Chapter no. | Chapter 1 |
Chapter Name | यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय (The Rise of Nationalism in Europe) |
Category | Class 10 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
राष्ट्रवाद
- अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना होना राष्ट्रवाद कहलाता है
राष्ट्र
- अरनेस्ट रेनर के अनुसार समान भाषा नस्ल धर्म से बने क्षेत्र का राष्ट्र कहते हैं
- एक राष्ट्र लंबे प्रयासों त्यागों और निष्ठा का चरम बिंदु होता है
इस्टेट जनरल
- इस्टेट जनरल 1789 में शुरू हुई एक आम सभा थी। जो क्षेत्र के फ्रांसीसी संप्रदायों के संप्रदाय का प्रतिनिधित्व करती थी इसे नेशनल असेंबली बोला गया
वियाना कांग्रेस
- यूरोपीय देशों के राजदूत का 1 सम्मेलन जो सितंबर 18 से 14 जून 1815 तक किया गया उसको वियना में आयोजित किया गया था इसलिए इसको वियना कांग्रेस बोला जाता है
नेपोलियन
- नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 में हुआ यह एक महान सम्राट थे जिसने पूरे यूरोप के इतिहास को प्रभावित किया
- अपने कार्यों द्वारा अपनी योग्यता के बल पर 24 वर्ष की आयु में ही सेनापति बन गए
- उन्होंने कई युद्धों में फ्रांसीसी सेना को जीत दिलाई, अपार लोकप्रियता हासिल की और फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और फ्रांस के शासक बन गए
उदारवाद
- लातिनी भाषा में इसका अर्थ है आजाद
- उदारवाद तेज बदलाव और विकास को प्राथमिकता देते हैं
रूढ़िवादी से आप क्या समझते हैं
- ऐसा राजनीतिक दर्शन जो परंपरा, स्थापित संस्थाओं और रिवाजों पर जोर देता है और धीरे-धीरे विकास को प्राथमिकता देता है
नारीवाद
- स्त्री – पुरुष की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता की सोच के आधार पर महिलाओं के अधिकारों और हितों का बोध नारीवाद कहलाता है
विचारधारा
- एक खास प्रकार की सामाजिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण को बताने वाले विचारों का समूह विचारधारा कहलाता है
यूरोप में राष्ट्रवाद
- यूरोप में राष्ट्रवादी चेतना की शुरुआत फ्रांस से होती है
फ्रांसीसी क्रांति और राष्ट्र का विचार
- फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत 1789 में हुई
- फ्रांसीसी क्रांति में लोगों की मांग थी कि राजतंत्र को खत्म किया जाए और प्रजातंत्र को स्थापित किया जाए
- सामूहिक पहचान
- प्रत्येक राज्य में एक स्टेट जनरल चुना गया और उसका नाम बदलकर नेशनल असेंबली रखा गया
- फ्रेंच भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया
- एक ऐसा कानून व्यवस्था लागू की गई जो सबके लिए समान हो
- आंतरिक आयात निर्यात, सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया और भार तथा माफ की एक समान व्यवस्था लागू की गई
- इसमें स्कूल और कॉलेज के छात्रों ने समर्थन दिया जिसको जैकोबिन क्लब कहा गया
- फ्रांस आर्मी ने समर्थन विदेशों में जाकर किया और राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाने पर बल दिया
नेपोलियन का शासन काल
- नेपोलियन ने फ्रांस में अपना शासन शुरू किया तो प्रजातंत्र को हटाकर राजतंत्र स्थापित किया
- नागरिक संहिता या नेपोलियन संहिता 1804 में
- कानून के समक्ष सबको बराबरी का अधिकार
- संपत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया
- भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्क से मुक्ति दिलाई
- जागीरदारी: – इसके तहत किसान जमींदार और उद्योगपतियों द्वारा समान का कुछ हिस्सा सरकार को कर के रूप में देना पड़ता था
- नेपोलियन के समय ही व्यापार आवागमन एक संचार में बहुत ज्यादा विकास हुआ
- राष्ट्रवादी विचार को बांटने के लिए उन्होंने कुछ क्षेत्र में कब्जा कर लिया और कर को बढ़ाना और जबरन भर्ती जैसे अनेक कानून स्थापित कर दिए
यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण
- किसी भी राष्ट्र के निर्माण के लिए एक सामूहिक पहचान, संस्कृति, परंपरा आदि का सामान होना बहुत जरूरी है
- यूरोप में हर जगह अलग-अलग समाज था पर अलग-अलग भाषाएं बोली जाती थी
राष्ट्रवाद का निर्माण
- राष्ट्रवाद और राष्ट्र-राज्य का विचार कैसे उभरा
- यूरोपीय समाज की संरचना
- उदारवादी राष्ट्रवाद
- रूढ़ीवादी
- क्रांतिकारी
19वी शताब्दी से पहले यूरोपीय संघ राज्य दो भागों में बटा हुआ था
- उच्च वर्ग कुलीन वर्ग
- निम्न वर्ग कृषक वर्ग
उच्च वर्ग कुलीन वर्ग
- इनकी जनसंख्या कम थी
- हमेशा अपना वर्चस्व जमाते थे
- सारे खेतों के मालिक
- सारे अधिकार
निम्न वर्ग
- जनसंख्या अधिक
- जमीन हिना
- किसी भी प्रकार का अधिकार नहीं
नोट: – यूरोपियन समाज असमान रूप से विभाजित था।
19वीं सदी के बाद नए वर्ग का उदय हुआ
मध्यवर्ग
- इसमें सभी पढ़े लिखे लोग होते थे
- जैसे डॉक्टर उद्योगपति व्यापारी आदि
- इन्होंने एक समान कानून की मांग की यानी
- उदारवादी राष्ट्रवाद
उदारवादी राष्ट्रवाद
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता
- कानून के समक्ष सब एक समान
- सरकार का पक्षधर
- बाज़ार की स्वतंत्रता
- इस उदारवादी राष्ट्रवाद के चलते राष्ट्रवाद का विचार हर जगह फैलने लग गया
- इसी वजह से 1789 में फ्रांस की क्रांति शुरू हुई
- इससे एक राज्य के अंदर जो भी नियंत्रण था उसे समाप्त कर दिया गया
- लेकिन अलग-अलग राज्यों के बीच सीमा नियंत्रण खत्म नहीं हो सका
इसके लिए एक संगठन बनाया गया जिसका नाम था जॉलबेराइन`
- इसमें जितने भी शुल्क अवरोध थे उसे समाप्त कर दिया गया
- मुद्राओं की संख्या दो कर दी गई जो कि पहले 30 से ज्यादा थी
- नेपोलियन के समय केवल वही पुरुष वोट दे सकते थे जिनके पास धन था
रूढ़िवादी (1815 के बाद नया रूढ़िवादी)
- 1815 में नेपोलियन को हरा दिया गया इसके लिए ऑस्ट्रिया, प्रशा, रूस, ब्रिटेन ने मिलकर काम किया जिसे वाटरलू की लड़ाई कहां जाता है
- इसके बाद यूरोपीय सरकार पारंपरिक संस्थाओं और परिवार को बनाए रखना चाहते थे
- इसके लिए उन्होंने नेपोलियन के समय जितने भी बदलाव हुए थे उन सब को खत्म कर दिया गया
- जिसके लिए एक समझौता किया गया था जिसे वियना समझौता या वियना संधि कहा जाता है
- संधि के तहत तीन मुख्य निर्णय
- पहला फ्रांस की सीमाओं पर कई राज्य कायम कर दिए गए ताकि भविष्य में फ्रांस अपना विस्तार ना कर सके
- फ्रांसीसी क्रांति के दौरान हटाए गए बूर्वो वंश को सत्ता में बहाल किया गया
- तीसरा राजतंत्र को जारी रखा गया
क्रांतिकारी
- यूरोपियन सरकार के इन सारे निर्णयों के विरोध में क्रांतिकारियों का जन्म हुआ
- क्रांतिकारियों के अंदर ही अंदर कुछ खुफिया समाज का निर्णय किया गया
- गुप्त समाज का निर्माण किया गया, जिसका मुख्य मकसद था
- राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना
- वियना संधि का विरोध करना
- स्वतंत्र के लिए लड़ना
- ज्यूसेपी मेत्सिनी एक क्रांतिकारी
- ज्यूसेपी मेत्सिनी एक इटालियन थे उन्होंने अंदर ही अंदर दो गुप्त संगठन की स्थापना की
- इटली (मार्सेई)
- यंग यूरोप (बर्न)
- सभी रूढ़ीवादी ज्यूसेपी मेत्सिनी से डरते थे क्योंकि वह इटली का एकीकरण चाहते थे
क्रांतिकारियों का योग 1830 से 1884
यूनानी स्वतंत्रता संग्राम
- यूनान में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष 1821 में ही प्रारंभ हो गया था
- यूनानीओं की लड़ाई में अनेक समूहों ने मदद की
- यूनानी खुद
- पश्चिमी यूरोपीय
- कलाकार
- कवि
- इससे यूरोप में राष्ट्रवाद बहुत मजबूत हो गया
- युद्ध के बाद 1832 में कुस्तुनतुनिया की संधि पेश किया गया
- जिससे यूनान एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया
- रूमानी वाद: – रूमानी कल्पना और राष्ट्रीय भावना
- राष्ट्रवाद का विकास केवल युद्ध और क्षेत्रीय विकास से नहीं होगा
- इसके लिए काव्य, कला, कहानी-किस्सों और संगीत की भी मदद लेनी पड़ेगी
यूरोप की आर्थिक स्थिति में कठिनाइयां (1830 से 1848)
- भूख और जन विद्रोह
- 1830 को कठिनाइयों को महान साल भी कहा जाता है
- जबरदस्त जनसंख्या वृद्धि
- लोगों का गांव से शहर की ओर रुख करना
- बेरोजगारी में वृद्धि
- ग़रीबी में वृद्धि
- फसल बर्बाद होना जिससे खाने की सामग्री की कीमत बढ़ने लगी
- छोटी-छोटी फैक्ट्रियां बंद होने लगी
- इन सभी कारणों की वजह से लोगों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया
- जगह-जगह अवरोध लगाया गया जिसे कृषक विद्रोह कहा गया
नोट: – इसके बाद यूरोपियन सरकार को गणतंत्र राज्य घोषित कर दिया गया
नई सरकार के कानून
- 21 साल से अधिक उम्र के लोग वोट डाल सकते हैं
- सभी नागरिकों को काम के अधिकार की गारंटी दी गई
- रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कारखाने उपलब्ध कराए गए और धीरे-धीरे गरीबी कम होती चली गई
उदारवादी की क्रांति 1848
- यूरोप के अन्य भाग जहां स्वतंत्र राष्ट्र राज्य क्षेत्र में नहीं आए
- जैसे जर्मनी, इटली, पोलैंड, ऑस्ट्रो हंगेरियन ने विद्रोह आरंभ कर दिया
- संविधानवाद की मांग को राष्ट्रीय एकीकरण की मांग की
जर्मनी और इटली का निर्माण
- जर्मनी का एकीकरण
- 1848 में यूरोपियन सरकार ने बहुत कोशिश की कि जर्मनी का एकीकरण कर दें परंतु ऐसा नहीं कर पाए
- क्योंकि राष्ट्र निर्माण की यह उदारवादी पहल राजशाही और फौज की ताकतों ने मिलकर इसको दबा दिया
- उसके बाद प्रशा ने यह भार अपने ऊपर लेते हुए कहा कि वह जर्मनी का एकीकरण करके ही रहेंगे
- उस समय प्रशा के मुख्यमंत्री ऑटोमन बिस्मार्क थे
- प्रशा ने एक राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व किया
- 7 वर्षों के दौरान ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस से तीन युद्ध में प्रशा की जीत हुई और एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई
- जनवरी 1871 में, वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया
इटली के एकीकरण
- इटली के एकीकरण की प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए तीन लोगों पर विचार
- ज्यूसेपी मेत्सिनी
- कावूल
- ज्युसेप्पे गैरीबाल्डी
- ज्यूसेपी मेत्सिनी
- रिपब्लिक पार्टी के प्रमुख
- यंग इटली के संस्थापक
- लक्ष्य शिक्षा के साथ इटली का एकीकरण
- कावूल
- यह ना ही क्रांतिकारी थे और ना ही जनतंत्र में विश्वास रखते थे
- फिर भी एकीकरण प्रक्रिया में सहयोग और नेतृत्व किया
- चतुर कूटनीतिज्ञ से फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच जो युद्ध हुआ उसमें जीते थे
- ज्युसेप्पे गैरीबाल्डी
- हीरो ऑफ रेड शर्ट के नाम से जाने जाते थे
- स्थानीय किसानों का समर्थन पाने में सफल
- स्पेनिश शासक के युद्ध में बड़ा योगदान
- इन्हीं तीनो की वजह से इटली एकीकृत हो गया
- विक्टर इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया
- यह बहुत दयालु थे और सार्डिया के राजा रह चुके थे
ब्रिटेन का एकीकरण
- ब्रिटेन ने जातीय साम्राज्य जैसे अंग्रेज, वेल्श, स्कॉट या आयरिश
- औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बड़ी
- इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन से यूनाइटेड किंग्डम आफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन हुआ
- कुछ साल बाद इसके अंदर आयरलैंड को भी जोड़ा गया और ब्रिटेन का एक राष्ट्र बना
- राष्ट्र निर्माण के बाद
- राष्ट्रीय गान लिखा गया
- अंग्रेजी मुख्य भाषा बनाया गया
- ब्रिटेन के राष्ट्रीय ध्वज भी बनाया गया
राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद
- 19वीं सदी तक राष्ट्रवाद था अब वह साम्राज्यवाद में बदलने लगा
- साम्राज्यवाद: – जब कोई देश अपने देश की शक्ति बढ़ाता है, आर्मी और अन्य साधन का उपयोग करके उसे साम्राज्यवाद कहते हैं
- 1871 बाद यूरोप में गंभीरराष्ट्रवादी तनाव का स्रोत बाल्कन क्षेत्र था
- इस क्षेत्र में भौगोलिक और जातीय भिन्नता थी
- इसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बेनिया, यूनान,क्रोएशिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, स्लोवेनिया सर्बिया और सर्बिया शामिल थे
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My name is alok yadav I study in class 10th
NOTES ARE GOOD 👍