1991 से आर्थिक सुधार : नई आर्थिक नीति (CH-3) Notes in Hindi || CBSE Board Class 12 Economics Chapter 3 Notes in Hindi ||

 

पाठ – 3

1991 से आर्थिक सुधार : नई आर्थिक नीति

This post is about the detailed notes of class 12 Economics Chapter 3 1991 se aarthik sudhaar : naee aarthik neeti (Economic Reforms Since 1991: New Economic Policy) in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Economics as a subject and studying in class 12th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.

यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 अर्थशास्त्र अध्याय 3 1991 से आर्थिक सुधार : नई आर्थिक नीति के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में अर्थशास्त्र पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।

BoardCBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectIndian Economics (भारतीय अर्थशास्त्र)
Chapter no.Chapter 3
Chapter Name1991 से आर्थिक सुधार : नई आर्थिक नीति (Economic Reforms Since 1991: New Economic Policy)
CategoryClass 12 Economics Notes in Hindi
MediumHindi
Class 12 Indian Economics Chapter 3 1991 से आर्थिक सुधार : नई आर्थिक नीति (Economic Reforms Since 1991: New Economic Policy) in Hindi

आर्थिक सुधार

  • स्वतंत्रता के बाद भारत ने मिश्रित व्यवस्था को अपनाया जिसमें पूंजीवादी व्यवस्था एवं समाजवादी व्यवस्था दोनों के गुण पाए जाते थे। 
  • लेकिन समय के साथ – साथ यह व्यवस्था, अर्थव्यवस्था की समृद्धि एवं विकास में बाधा डालने लगी। 
  • इसी समस्या को देखते हुए 1991 में नई आर्थिक नीति को लागू किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक समृद्धि एवं विकास को बढ़ाना था। 
  • आर्थिक सुधारों या नई आर्थिक नीति से अभिप्राय ऐसी आर्थिक नीतियों के समूह से है जो देश की अर्थव्यवस्था में समृद्धि तथा विकास की दर को बढ़ाने के लिए लागू की गई थी

नई आर्थिक नीति

नई आर्थिक नीति में निम्नलिखित बदलाव किए गए:

  • उद्योग और व्यापार के लिए लाइसेंसिंग (Licecsing – L) की जगह उदारीकरण (Liberalisation – L) की नीति को अपनाया गया। 
  • उद्योगपति के लिए कोटा (Quota – Q) प्रणाली के स्थान पर निजीकरण (Privatisation – P) की नीति को अपनाया गया। 
  • आयात तथा निर्यात के लिए परमिट (Permit – P) के स्थान पर वैश्वीकरण (Globalisation – G) की नीति को अपनाया गया। 

नोट: इस प्रकार LQP के स्थान पर LPG को अपनाया गया। 

नई आर्थिक नीति के मुख्य तत्व

उदारीकरण (Liberalisation)

  • अर्थव्यवस्था पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना उदारीकरण कहलाता है। इस नीति के अंतर्गत भारतीय अर्थव्यवस्था पर सरकार द्वारा लगाए गए नियंत्रणों को हटाया गया। 
    • उदाहरण के लिए 1991 से पहले भारत में निजी उद्योगों पर कई प्रकार के नियंत्रण थे 
  • जैसे कि
    • वस्तुओं पर कीमत नियंत्रण
    • आयात लाइसेंस
    • विदेशी मुद्रा नियंत्रण
    • औद्योगिक लाइसेंसिंग व्यवस्था आदि। 

उदारीकरण की इस नीति के द्वारा इन सभी नियंत्रणों को समाप्त किया गया ताकि उत्पादकों द्वारा स्वतंत्र रूप से उत्पादन किया जा सके। 

उदारीकरण और आर्थिक सुधार

  • औद्योगिक क्षेत्र संबंधी सुधार
    • औद्योगिक लाइसेंसिंग की समाप्ति
    • सार्वजनिक क्षेत्र का प्रभाव कम
    • उत्पादन क्षमता के विस्तार की छूट
    • उत्पादन क्षेत्र के आरक्षण की समाप्ति
    • पूंजीगत वस्तुओं के आयात की स्वतंत्रता

वित्तीय क्षेत्र संबंधित सुधार 

  • आरबीआई की भूमिका में परिवर्तन
  • निजी बैंकों का विकास
  • बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि

कर संबंधी सुधार

  • करो को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है

प्रत्यक्ष कर

  • वह कर जिन का भुगतान उसी व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिस पर वह कर लगाए गए हैं प्रत्यक्ष करके लाते हैं अर्थात इन करो को अन्य व्यक्तियों पर टाला नहीं जा सकता
  • उदाहरण के लिए 
    • आयकर संपत्ति  कर

अप्रत्यक्ष कर

यह वह करें जिन का भुगतान अन्य व्यक्तियों पर डाला जा सकता है अर्थात जो व्यक्ति इनका भुगतान करता है वह इनका मौद्रिक भार नहीं उठाता

  • उदाहरण के लिए 
    • वस्तु एवं सेवा कर (GST)

नई आर्थिक नीति के अंतर्गत निम्नलिखित कर संबंधी सुधार किए गए

  • कर की दरों में कमी
  • कर प्रणाली में सरलता

विदेशी विनिमय संबंधित सुधार

  • 1991 में भारतीय रुपए का अवमूल्यन किया गया। जिसके फलस्वरूप अन्य देशों की मुद्रा की तुलना में भारतीय मुद्रा की कीमत में कमी आई। 
  • इस वजह से अब अन्य देशों की मुद्राओं से भारत में अधिक वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीददारी की जा सकती थी। 
  • इससे भारत द्वारा निर्यात में वृद्धि हुई। 

व्यापार एवं निवेश नीति सुधार

  • प्रशुल्क दरों में कमी
  • आयात लाइसेंसिंग की समाप्ति
  • निर्यात शुल्क की समाप्ति
  • मात्रात्मक प्रतिबंध की समाप्ति

निजीकरण (Privatisation)

  • निजीकरण व प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपा जाता है अर्थात सार्वजनिक कंपनियों को बेच कर निजी कंपनियों में परिवर्तित किया जाता है। 

निजीकरण की आवश्यकता

  • सार्वजनिक उद्यमों में घाटा
  • अकुशलता 
  • निम्न उत्पादकता
  • भ्रष्टाचार
  • विकास की निम्न गति

निजीकरण के लाभ

  • गुणवत्ता में सुधार
  • उत्पादन में विविधीकरण
  • उपभोक्ता की प्रभुता
  • समृद्धि और विकास में तेजी
  • भ्रष्टाचार एवं निम्न उत्पादकता जैसी समस्याओं का समाधान

निजीकरण की हानियां

  • सामाजिक कल्याण की भावना का अभाव
  • लाभ के अधिकतम ही कारण पर जोर
  • वंचित वर्गो के लिए समस्या
  • समाज के उच्च वर्गों का पोषण
  • असमान विकास

वैश्वीकरण

  • वैश्वीकरण से अभिप्राय देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था से इस प्रकार जोड़ने से है जिससे व्यक्ति वस्तु विचारों पूंजी आदि का निर्माण आदान-प्रदान हो सके। 

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

  • विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि
  • दीर्घकालीन व्यापार नीति
  • प्रशुल्को  में कमी
  • प्रतिबंधों की समाप्ति

नई आर्थिक नीति के प्रभाव

  • लाभ
    • औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि
    • राजकोषीय घाटे में कमी
    • विदेशी मुद्रा कोषों में वृद्धि
    • मुद्रास्फीति पर रोक
    • उपभोक्ता का बढ़ता प्रभाव 
    • विदेशी निवेश में वृद्धि
    • उभरती हुई अर्थव्यवस्था
    • प्रतियोगी बाजार की शुरुआत
  • हानियां
    • कृषि निवेश में गिरावट
    • कृषि के स्वरूप में बदलाव
    • भारतीय उद्योगों का निम्न विकास
    • बेरोजगारी
    • सरकारी विनिवेश
    • असमान विकास
    • आर्थिक उपनिवेशवाद
    • उपभोक्तावाद में वृद्धि 

Our team is working day in day out to provide the best quality content to the students of Class 12 CBSE Board (Hindi Medium). We hope that CBSE Board class 12 Economics notes in Hindi helped you. If you have any suggestion or correction about CBSE Board Class 12 Detailed Notes, Important Questions, Quizzes, Objective Questions, PDF Notes and Last Year Papers or about anything else, so you can connect with us at [email protected] or comment below. Our team is always ready to implement your suggestions and corrections.

हमारी टीम कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड (हिंदी माध्यम) के छात्रों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12 के अर्थशास्त्र के हिंदी नोट्स ने आपकी मदद की है। यदि आपके पास सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12 के विस्तृत नोट्स, महत्वपूर्ण प्रश्न, क्विज़, वस्तुनिष्ठ प्रश्न, पीडीएफ नोट्स और पिछले साल के पेपर या किसी अन्य चीज़ के बारे में कोई सुझाव या सुधार है, तो आप हमारे साथ [email protected] पर जुड़ सकते हैं या नीचे  Comment कर सकते हैं। 

Leave a Reply

You cannot copy content of this page