पाठ – 4
सत्ता के वैकल्पिक केंद्र
This post is about the detailed notes of class 12 Political Science Chapter 4 satta ke vaikalpik kendra (Alternative Centres of Power)in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Political Science as a subject and studying in class 12thfrom CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.
यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 राजनितिक विज्ञान अध्याय 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में राजनितिक विज्ञान पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।
Board | CBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Political Science |
Chapter no. | Chapter 4 |
Chapter Name | सत्ता के वैकल्पिक केंद्र (Alternative Centres of Power) |
Category | Class 12 Political Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
सत्ता के नए केन्द्र
सत्ता के नए केन्द्रो से अभिप्राय उन देशो और संगठनों से है,जो भविष्य में जाकर महाशक्ति बन सकते है और वर्तमान में भी विश्व व्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाते है।
संगठन
- यूरोपीय संघ
- आसियान
- ब्रिक्स
देश
- चीन
- जापान
- भारत
- इजराइल
- रूस
यूरोपीय संघ
दूसरे विश्वयुद्ध में सबसे ज़्यादा नुक्सान यूरोप के देशो को हुआ। इसी वजह से दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप के देशो ने अपनी स्तिथि को सुधारने की कोशिश की
इस सुधार प्रक्रिया में अमेरिका ने यूरोपीय देशो की मदद की।
यूरोपीय संघ का गठन
मार्शल योजना
- 1948 में अमरीका द्वारा मार्शल योजना बनाई गई जिसके तहत यूरोपीय आर्थिकसहयोग संगठन की स्थापना की गई।
- 1949 में यूरोपीय परिषद् का गठन किया गया।
- 1957 में यूरोपियन इकनोमिक कम्युनिटी की स्थापना की गई।
- यूरोपिय संघ की स्थापना 1992 में हुई
यूरोपीय संघके उद्देश्य
- तेज़ आर्थिक विकास
- आपसी सहयोग
- सामान विदेश नीति
यूरोपीय संघ की विशेषताएं
संगठन के रूप में
- आर्थिक और राजनैतिक स्वरुप
- विशाल राष्ट्र राज्य
- अपना झंडा,गान,स्थापना दिवस(9th May)एवं मुद्रा (यूरो) ।
नोट:- 2003 में यूरोपीय संघ ने अपना संविधान बनाने की कोशिश की पर वह सफल नहीं हो सका।
यूरोपीय संघ का झंडा
- यूरोपीय ध्वज यूरोपीय संघ का प्रतीक है
- इसमें नीले रंग पर 12 स्वर्ण सितारों का एक चक्र है
- यह यूरोप के लोगों के बीच एकता और एकजुटता को दर्शाता है
यूरोपीय संघ की विशेषताएं
आर्थिक विशेषताएं
- 2005 में विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- यूरो डॉलर के लिए खतरा
- सकल घरेलू उत्पाद 12000 अरब डॉलर से भी ज़्यादा
- विश्व व्यपार में अमेरिका से तीन गुना ज़्यादा हिस्सा
सैन्य विशेषताएं
- दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना
- दो सदस्यों ब्रिटैन और फ्रांस के पास परमाणु हथियार
- दो सदस्यों ब्रिटैन और फ्रांस के पास संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् की स्थाई सदस्यता एवं वीटो
नोट:- 31 जनवरी 2020 को ब्रिटैन यूरोपीय संघ से अलग हो गया
आसियान
- ASEAN Association of South East Asian Nations
- आसियानदक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन
- स्थापना1967 में बैंकॉक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके इसकी स्थापना की गई।
- संस्थापक देशइंडोनेशिया,मलेशिया,फ़िलीपीन्स,सिंगापुर,थाईलैंड
- बाद में शामिल देशब्रूनेई,वियतनाम,लाओस,म्यांमार, कम्बोडिया
आसियान का झंडा
- बीच में 10 धान की बालियों को दिखाया गया जो की आसियान के देशो की एकता को दिखता है।
- नीला शांति और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है।
- लाल साहस और गतिशीलता को दर्शाता है,
- सफेद शुद्धता दिखाता है
- पीला समृद्धि का प्रतीक है।
आसियानके उद्देश्य
- सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना
- आर्थिक विकास तेज़ करना
- कानून व्यवस्था और शासन व्यवस्था को सुधारना
- शांति को बढ़ावा देना
आसियान के तीन स्तम्भ
आसियान द्वारा सम्पूर्ण विकास को ध्यान में रखते हुए 2003 में तीन संस्थाओ का निर्माण किया गया इन्हे ही आसियान के तीन स्तम्भ कहा जाता है।
- आसियान सुरक्षा समुदाय
- आसियान आर्थिक समुदाय
- आसियान सामाजिक एवं सांस्कृतिक समुदाय
आसियान के तीन स्तम्भ
आसियान सुरक्षा समुदाय
कार्य
- सदस्यों देशो के बीच के विवादों को सुलझाना
- शांति और सहयोग को बढ़ावा देना।
आसियान आर्थिक समुदाय
कार्य
- साझा व्यापार को बढ़ावा देना
- मुक्त व्यपार बढ़ाना
- आर्थिक विवादों को सुलझाना
आसियान सामाजिक एवं सांस्कृतिक समुदाय
कार्य
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के स्तर को बढ़ाना
आसियान विज़न 2020
- आसियान विज़न 2020 आसियान द्वारा 2020 के लिए निर्धारित किये गए लक्ष्यों की सूची है।
- 2020 तक आसियान विश्व में बहिर्मुखी भूमिका निभाना चाहता है।
- सभी आपसी विवादों का समाधान बातचीत से करना भी आसियान विज़न 2020 का मुख्य बिंदु है।
आसियान शैली
- आसियान के विकास करने के तरीके को आसियान शैली कहा गया
- इसने सहयोग और मेल मिलाप द्वारा विकास करके विश्व के सामने नया उदाहरण पेश किया।
- इस सहयोगात्मक एवं टकरावरहित विकास के तरीके को ही आसियान शैली कहा गया।
- इस तरीके द्वारा ही आसियान सबसे तेज़ रफ़्तार से विकास करने वाला संगठन बना।
भारत और आसियान
- शुरुआत में भारत ने आसियान पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया पर बाद के समय में भारत ने आसियान के देशो के साथ सम्बन्ध सुधारने और व्यापार बढ़ाने की प्रयास किये।
- 1991 में भारत द्वारा पूर्व चलो की नीति को अपनाया गया और पूर्वी एशियाई देशो से सम्बन्ध अच्छे करने के प्रयास किये गए।
- भारत ने दो आसियान देशो सिंगापुर और थाईलैंड से मुख्त व्यापार समझौता किया है।
- साथ ही साथ भारत आसियान से भी मुक्त व्यापार समझौता करने की कोशिश कर रहा है।
चीन
चीन का शुरूआती दौर
- 1 अक्टूबर 1949 को चीन की स्थापना की गई।
- चीन ने खुद को पूरी दुनिया से अलग कर लिया
- शुरुआत ने चीन ने सरकार के नियंत्रण में बड़े बड़े उद्योगों का विकास किया
- विदेशी मुद्रा में कमी होने के कारण विदेशो से तकनीक और सामान मंगाना मुश्किल था इसीलिए चीन से सभी चीज़ो का उत्पादन देश के अंदर करने की ही कोशिश की
अर्थव्यवस्था को खोलना
- चीन ने अचानक से अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने की बजाये योजना के अनुसार अर्थव्यवस्था में बदलाव किया
- 1972 में पहली बार चीन ने अमेरिका से संबंध बनाये
- इसके एक साल बाद यानि 1973 में उस समय के चीनी प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने कृषि,उद्योग,सेना एवं विकास और प्रौद्योगिकी में विकास का प्रस्ताव रखा
- 1978 में प्रधानमंत्री देंग श्याओपेंग ने खुले द्वार की नीति की घोषणा की।
अर्थव्यवस्था खोलने के बाद
- 1982 में खेती का निजीकरण किया
- 1988 में उद्योगों का निजीकरण किया
- SEZ यानि SPECIAL ECONOMIC ZONE की स्थापना की गई
- 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ।
- इसी प्रक्रिया को चीन का उत्थान कहा जाता है।
चीन की नयी आर्थिक नीतियों के परिणाम
- अर्थव्यवस्था में गति आई
- कृषि के निजीकरण की वजह से किसानो की आय बड़ी
- चीन में विदेशी निवेश की मात्रा में वृद्धि हुई
- विदेशी मुद्रा की मात्रा बड़ी और चीन ने दूसरे देशो में निवेश करना शुरू किया।
- चीन विश्व में आर्थिक शक्ति बन कर उभरा
भारत और चीन के सम्बन्ध
समस्याएं
- 1962 में चीन और भारत का युद्ध हुआ जिसमे भारत हार गया।
- जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश का सीमा विवाद
- तिब्बत पर चीन का कब्ज़ा ज़माना
- भारत द्वारा दलाई लामा को शरण देना
प्रयास और सुधार
- पंचशील समझौता
- 1981 में सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत शुरू हुई
- 1988 में राजीव गाँधी ने चीन का दौरा किया और सम्बन्धो में कुछ सुधार आया।
- आर्थिक सहयोग बड़ा और व्यपार में भी वृद्धि हुई।
ब्रिक्स क्या है ?
- ब्रिक्स एक संगठन है जिसे 5 देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार राजनीति और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ाने के लिए बनाया गया है
- BRICS में दक्षिण अफ्रीका के सम्मिलित होने के बाद।
ब्रिक्स को बनाए जाने के कारण :-
- वर्तमान में विश्व में उपस्थित लगभग सभी बड़े संगठनों जैसे कि वर्ल्ड बैंक या आईएमएफ पर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का प्रभाव है
- इसी वजह से एक ऐसे संगठन को बनाया गया जिसके द्वारा विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाया जा सके और उनके बीच सहयोग स्थापित किया जा सके
- ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भविष्य में यह सभीअर्थव्यवस्थाएंविकसित देशों को टक्कर दे सकती हैं औरइसीलिएइनका साथ में आना बहुत जरूरी है
ब्रिक्स का गठन
- गठन के समय इस संगठन का नाम ब्रिक था जिसे कि इसके सदस्य देशों के नाम के पहले अक्षर से बनाया गया था 2010 में दक्षिण अफ्रीका के संगठन में शामिल होने के बाद इसका नाम ब्रिक्स हो गया
- ब्रिक की शुरुआत 2006 में रूस में हुई
- ब्रिक को बनाने का सुझाव ब्रिटेन के एक अर्थशास्त्री Jim O Neil द्वारा दिया गया था
- इसके बारे में चर्चा 2006 में रूस में शुरू हुई
- इसका गठन 2009 में किया गया
- गठन के समय इस में 4 देश शामिल थे और इसे ब्रिक कहा जाता था
- 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी ब्रिक में शामिल हुआ और यह ब्रिक्स बन गया
सदस्य
- ब्राजील
- रूस
- भारत
- चीन
- दक्षिण अफ्रीका
- मुख्यालय
- शंघाई (चीन) में है
ब्रिक्स के उद्देश्य
- UNO की सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को बढ़ावा देना
- व्यापार और जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों पर आपसी सहयोग करना
- आयात और निर्यात को सरल बनाना
- आपसी सहयोग द्वारा विकास की गति को तेज करना
- आपसी राजनीतिक सहयोग स्थापित करना
- एक दूसरे की सुरक्षा को सुनिश्चित करना
- साझा चुनौतियों का मिलजुल कर समाधान करने के प्रयास करना
ब्रिक्स के सम्मेलन
- इसका पहला सम्मेलन 16 जून 2009 को यकितरीन (रूस) में हुआ
- इस सम्मेलन में 4 देश शामिल हुए क्योंकि उस समय दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स का सदस्य नहीं था
- दूसरा सम्मेलन 15 अप्रैल 2010 को ब्राजील में हुआ और इसी सम्मेलन के दौरान साउथ अफ्रीका को भी ब्रिक्स में शामिल किया गया
- ब्रिक्स का तीसरा सम्मेलन 14 अप्रैल 2011 को चीन में हुआ जिसमें उसका नाम ब्रिक से बदलकर ब्रिक्स रखा गया
- अब 2020 में इसका सम्मेलन रूस में प्रस्तावित है
NDB (New Development Bank) न्यू डेवलपमेंट बैंक
ब्रिक्स के सभी देशों ने मिलकर 2014 में एक बैंक का निर्माण किया जिसका नाम था NDB बैंक
NDB बैंक का गठन :-
- भारत द्वारा ब्रिक्स के देशों को एक बैंक बनाने का सुझाव दिया गया
- जिसका गठन 2014 में इन देशों द्वारा किया गया और इसका नाम NDB यानि न्यू डेवलपमेंट बैंक रखा गया
- इसका मुख्यालय शंघाई में है
- क्षेत्रीय कार्यालय दक्षिण अफ्रीका में है
- वर्तमान में इसके अध्यक्ष केवी कामथ है और यह एक भारतीय हैं
- इस बैंक की कुल पूंजी 100 बिलियन डॉलर है जिसमें से 41 बिलियन डॉलर चीन के, 18 बिलियन डॉलर भारत, ब्राजील और रूस के तथा 5 बिलियन डॉलर दक्षिण अफ्रीका का हिस्सा है
एनडीबी बैंक के कार्य
- यह बैंक सदस्य देशों को आसान किस्तों पर लोन देता है
- सदस्य देशों को आर्थिक सुझाव देता है
- सदस्य देशों की तकनीक प्राप्त करने में सहायता करता है
ब्रिक्स की विशेषताएं
- ब्रिक्स देशों में विश्व की लगभग 40% जनसंख्या रहती है
- विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले मुख्य दो देश भारत और चीन ब्रिक्स में शामिल है
- विश्व का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा देश रूस ब्रिक्स का सदस्य है
- रूस को छोड़कर बाकी सभी देश विकासशील है
- भारत तथा चीन उभरती हुई शक्ति के रूप में आगे आ रहे हैं
- ऐसा अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक यह समूह अमेरिका से भी आगे निकल जाएगा
- इसकी जीडीपी पूरे विश्व की लगभग 23% है
- पूरे विश्व का लगभग 27% क्षेत्रफल इस संगठन के देशों के अंतर्गत आता है
ब्रिक्स की वर्तमान स्थिति
- वर्तमान स्थिति में अगर हम देखें तो ब्रिक्स अपने कार्यों को करने में पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सका ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ब्रिक्स के देशों के बीच कुछ आपसी मतभेद है जैसे कि
भारत और चीन का विवाद
- पीओके की सीमा पर चीन द्वारा सड़क का निर्माण करना
- नेपाल और भारत सीमा पर चीन का हस्तक्षेप
इजराइल
इजराइल का निर्माण
- फिलिस्तीन से अलग होकर 14 मई 1948 को इजराइल एक अलग देश बना
- यह विश्व का अकेला यहूदी देश है
- आजाद होने के बाद इसके लिए सबसे बड़ी समस्या रही इसके आसपास के मुस्लिम देश
- आजाद होने के तुरंत बाद मिस्र,सीरिया,इराक,और जॉर्डन ने इस पर हमला कर दिया
- यही से शुरुआत हुई अरब इजराइल वार की जो कि 1948 से लेकर 1949 तक चली
- इसमें इजराइल जीता और उसने एक बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया
जून युद्ध 1967(सिक्स डे वॉर)
- 1967 में इजराइल के आसपास के देशो जॉर्डन,एवं अन्य अरब देशो ने इस पर एक साथ हमला किया
- पिछले युद्ध की तरह इस युद्ध में भी इजराइल ने इन सबको बड़ी आसानी से सिर्फ 6 दिनों के अंदर हरा दिया इसीलिए इसे सिक्स डे वॉर भी कहते है
- इस युद्ध में इजराइल ने गाजा पट्टी पर भी कब्जा कर लिया और अपना क्षेत्रफल लगभग 3 गुना बढ़ा लिया
इजराइलकी भौगोलिक विशेषताएं
- इसके आस पास,लेबनान,सीरिया,जार्डन,तथा मिस्र जैसे मुस्लिम देश है
- कुल क्षेत्रफल 22145 वर्ग किलोमीटर
- जनसंख्या लगभग 85 लाख
- दक्षिण पश्चिम एशिया में स्थित
- विश्व में कहीं भी जन्म लेने वाला यहूदी व्यक्ति इजराइल का नागरिक
राजनीतिक विशेषताएं
- यहाँ कीराष्ट्रीय भाषा हिब्रूहै
- इजराइल की राजधानीयेरूशलमहै
- राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन है
- प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहूहै
- यहां पर भी भारत की तरह ही संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था है
सैन्य विशेषताएं
- सेना की शक्ति के आधार पर इजराइल विश्व का आठवां सबसे बड़ा देश है
- इसकी सेना में लगभग 35 लाख सैनिक है और इजराइल में सेना में महिलाओं को भी शामिल किया जाता है
- सभी स्कूल विद्यार्थियों को आर्मी की ट्रेनिंग दी जाती है
- सैन्य प्रौद्योगिकी में इजराइल बहुत ज्यादा आगे हैं अन्य देशों के मुकाबले
- इजराइल में लड़कों को कम से कम 3 साल और लड़कियों को 2 साल सेना में काम करना अनिवार्य होता है
- यह सब सैन्य हथियारों में सक्षम नहीं है बल्कि इनका निर्यात भी बड़े स्तर पर करता है
आर्थिक विशेषताएं
- जीडीपी के आधार पर इजराइल का विश्व में 21वां स्थान है
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इजराइल विकसित देशों से भी ज्यादा आगे है
- व्यापार के मामले में इजराइल अपने आकार के हिसाब से बहुत ज्यादा आगे हैं
- नवीन प्रौद्योगिकी को विकसित करने और उन्हें दुनिया में निर्यात करना इजराइल का मुख्य काम है
रूस
रूस का शुरूआती दौर
- 1917 में बोल्शेविक क्रांति के बाद 15 गण राज्यों को मिलाकर सोवियत संघ का निर्माण किया गया
- रूस भी इन 15 गण राज्यों में से एक था
- इन15 गण राज्यों में सबसे विशाल गणराज्य रूस था
- 1917 से लेकर 1991 तक रूसUSSRका हिस्सा रहा
- 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस एक देश बना और इसे सोवियत संघ का उत्तराधिकारी बना दिया गया यानि जो भी अधिकार सोवियत संघ के पास थे वह सभी रूस को दे दिए गए
- जैसे कि परमाणु हथियार
- यूएनओ की सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता
- उन सभी संधियों का पालन रूस को करना था जो सोवियत संघ और अमेरिका के बीच की गई थी
रूस की भौगोलिक विशेषता
- रूस उत्तरी एशिया का एक देश है
- विश्व का सबसे बड़ा देश रूस है
- इसका कुछ हिस्सा एशिया महाद्वीप और कुछ ऐसा पूर्वी यूरोप के अंदर आता है
- आकार के अनुसार यह भारत से लगभग 5 गुना ज्यादा बढ़ा है
- जनसंख्या के हिसाब से रूस विश्व में सातवें नंबर पर आता है
रूस की राजनीतिक विशेषताएं
- रूस एक लोकतांत्रिक देश है
- रूस की राजधानी मॉस्को और इसकी राष्ट्रभाषा रूसी है
- यहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन है
- यहां के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन है
- यहां पर भी अन्य देशों की तरह ही सामान्य रूप से चुनाव होते हैं और नेताओं को चुना जाता है
रूस की आर्थिक विशेषताएं
- आकार के मामले में भले ही रूस एक बड़ा देश है पर आर्थिक विकास के मामले में रूस उन्नत नहीं है
- जीडीपी के अनुसार रूस का 11वां स्थान है
- रूस के पास भरपूर मात्रा में खनिज संसाधन प्राकृतिक संसाधन और गैस के भंडार है
- इन संसाधनों की वजह से ही रूस विश्व में एक मजबूत देश के रूप में स्थापित है पर अगर आर्थिक रूप से अमेरिका से तुलना की जाए तो रूस काफी पीछे रह जाता है
रूस की सैन्य विशेषताएं
- हथियारों के मामले में रूस विश्व के सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है
- परमाणु हथियार
- यूएनओ की सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता
- सैन्य क्षमता के मामले में विश्व में रूस का दूसरा स्थान है
- सैन्य क्षेत्र में रूस अमेरिका को बराबरी की टक्कर देता है
रूस और भारत के सम्बन्ध
- भारत तथा साम्यवादी देशो के सम्बन्ध शुरू से ही अच्छे रहे है।
- रूस शुरू से ही भारत की मदद करता आया है।
- दोनों का सपना बहुध्रुवीय विश्व का है
- दोनों देश ही लोकतंत्र में विश्वास रखते है
- 2001 में भारत और रूस के बीच 80 द्विपक्षीय समझौता
- भारत रुसी हथियारों का खरीददार
- भारत में रूस से तेल का आयात
- वैज्ञानिक योजनाओ में रूस की मदद
- कश्मीर मुद्दे पर रूस का भारत को समर्थन
जापान
जापान और द्वितीय विश्व युद्ध
- द्वितीय विश्व युद्ध में जापान धुरी राष्ट्रों में शामिल था
- द्वितीय विश्व युद्ध के अंत यानी सन 1945 में जापान पर अमेरिका द्वारा दो परमाणु बम गिराए गए
- यह बम जापान के 2 शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए थे और इन बमों का नाम लिटिल बॉय और फैट मैन था
- इन बमों की वजह से जापान में बहुत भारी तबाही हुई और जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण कर दिया
- इसके बाद जापानी अर्थव्यवस्था के विकास की शुरुआत हुई और आज जापान विश्व के कुछ मुख्य देशों में से एक है
जापान की भौगोलिक विशेषताएं
- जापान पूर्वी एशिया का एक देश है
- क्षेत्रफल के मामले में जापान विश्व में 63 वें स्थान पर आता है
- जनसंख्या के अनुसार इसका विश्व में 11 स्थान है
- जापान का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हुआ है
- जापान विश्व में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं जैसे की भूकंप सुनामी आदि से प्रभावित होता है
जापान की राजनीतिक विशेषताएं
- जापान में संवैधानिक राजतंत्र है यानी कि यहां पर राजा भी होता है और लोकतंत्र भी
- वर्तमान में जापान के राजा नारूहीतो है
- जापान का राजनीतिक मुखिया यहां का प्रधानमंत्री होता है
- वर्तमान में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे हैं
- यहां की राष्ट्रभाषा जैपनीज है
जापान की आर्थिक विशेषताएं
- जापान विश्व का सबसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाला देश है
- जीडीपी के अनुसार इसका विश्व में तीसरा स्थान है
- प्रत्येक प्रकार के उत्पादों का जापान द्वारा निर्यात किया जाता है
- इतनी सारी आपदाओं से घिरा होने के बावजूद भी जापान विकास के क्षेत्र में अन्य देशों से कहीं आगे है
जापान की सैन्य विशेषताएं
- जापान की सेना विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है
- सेना पर किए जाने वाले खर्चे के अनुसार विश्व में जापान का चौथा स्थान है
- उच्च गुणवत्ता की प्रौद्योगिकी जापानी सेना की मुख्य विशेषता है
- सैन्य ताकत के मामले में जापान विश्व के कुछ सबसे बड़े देशों में से एक है
- हर क्षेत्र की तरह सैन्य ताकत में भी जापान विश्व के बड़े देशों के बीच स्थित है
भारत
भारत का शुरूआती दौर
- 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश भारत का विभाजन हुआ और ब्रिटिश भारत मुख्य रूप से 2 देशों में बट गया पहला था भारत और दूसरा पाकिस्तान
- जो हिस्सा भारत के क्षेत्र में आया उसमें भी दो अलग-अलग हिस्से थे पहला था भारत और दूसरे थे देशी रजवाड़े
- आजाद होने के साथ ही भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी इन देसी रजवाड़ों को भारत में शामिल करना
- समय के साथ लगभग सभी देशी रजवाड़े भारत में शामिल हो गए और इस तरह से भारत का निर्माण हुआ
- भारत और चीन
- पंचशील समझौता
- 1954 में भारत और चीन के बीच पंचशील समझौता किया गया।
- इस समझौते में 5 सिद्धांत थे
- एक दूसरे की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान
- परस्पर अनाक्रमण
- एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना
- समान और परस्पर लाभकारी संबंध
- शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व
तिब्बत की समस्या
- तिब्बत भारत और चीन के बीच स्तिथ एक छोटा सा देश है। चीन शुरू से ही तिब्बत पर अपना अधिकार जताता हुआ आया है पर भारत का मानना इससे ठीक उल्टा था।
- 24 अप्रैल 1954 को कुछ शर्तो के साथ भारत ने तिब्बत पर चीन का अधिकार स्वीकार कर लिया और चीन ने वादा किया की तिब्बत को अधिक स्वायत्ता प्रदान की जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ
- तिब्बत में चीन के शासन के विरोध में सशस्त्र विद्रोह शुरू हो गया। इस विद्रोह को चीन की सेनाओ द्वारा दबा दिया गया।
- स्तिथि ख़राब होते हुए देख तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा ने 1959 में भारत से शरण मांगी और भारत ने दलाई लामा को शरण दे दी।
- इस कदम को चीन ने उसके आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप बताया और इस कदम का कड़ा विरोध किया।
भारत और चीन सीमा विवाद
- भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जम्मू कश्मीर के अक्साई चीन और अरुणाचल प्रदेश के नेफा क्षेत्र को लेकर था।
- चीन ने भारत के इन हिस्सों पर अपना अधिकार जताया और भारत ने कहा की ये मामला अंग्रेज़ो के समय सुलझाया जा चूका है पर चीन ने इस बात से इंकार कर दिया।
- 1957 से 1959 के बीच चीन ने अक्साई के चीन के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया और वहासड़क बनानी भी शुरू कर दी।
- दोनों देशो के नेताओ के बीच काफी सारी चर्चाये हुई पर समस्या सुलझाई न जा सकी। कई बार दोनों देशो की सेना के बीच झड़प भी हुई पर कोई हल नहीं निकला।
- पंचशील समझौते और चीन पर भरोसे के कारण नेहरू जी को कभी ऐसा लगा ही नहीं की चीन भारत पर आक्रमण कर सकता है पर इस बार नेहरू जी गलत साबित हुए और 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया।
- 1962 में चीन ने भारत पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले के कारण भारत को तैयारी का कोई मौका नहीं मिला और चीनी सेना भारत में काफी अंदर तक आ गई। अंत में चीन द्वारा अचानक युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई और भारत को इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा।
युद्ध के परिणाम
- भारत हार गया
- भारतीय विदेश नीति की आलोचना की गई
- कई बड़े सैन्य कमांडरों ने इस्तीफा दे दिया
- रक्षा मंत्री वी के कृष्णमेनन ने मंत्रिमडल छोड़ दिया
- पहली बार सरकार के खिलाफ अविश्वस पत्र लाया गया
- भारत में मौजूद कम्युनिस्ट पार्टी का बटवारा हो गया
- नेहरू की छवि को नुकसान हुआ।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध
1947 (कश्मीर विवाद )
- आज़ादी के तुरंत बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया
- इस युद्ध का मुख्य कारण था कश्मीर।
- इस युद्ध में भारत को विजय प्राप्त हुई
- इस युद्ध में जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया जिसे भारतPOK (Pakistan Occupied Kashmir) कहता है और पाकिस्तानी आजाद कश्मीर कहता है
1965 (नदी जल बटवारा )
- 1962में हुए चीन युद्ध के बाद भारत की समस्याएँ समाप्त नहीं हुई
- 1965में जल विभाजन की समस्या को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया।
- अंत में भारत ने पाकिस्तान को बड़े आराम से हरा दिया।
1971 (बांग्लादेश )
- 1971पूर्वी पाकिस्तान की समस्या के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ
- यह युद्ध भारत की जीत,पूर्वी पाकिस्तान की आज़ादी और एक नए देश बांग्लादेश के निर्माण के साथ खत्म हुआ।
1999 ( कारगिल का युद्ध )
- 1999 में पाकिस्तान द्वारा कारगिल क्षेत्र में सेना तैनात करने और घुसपैठ करने के कारण हुआ। घुसपैठियों को बहार निकालने के लिए भारत द्वारा ऑपरेशन विजय चलाया और 60 दिन लम्बे चले इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान की सेना को पूरी तरह से ढेर कर दिया।
भारत की भौगोलिक विशेषताएं
- भारत दक्षिण एशिया का एक विकासशील देश है
- विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश
- जनसंख्या के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश
- दक्षिण में हिंद महासागर,पूर्व में अरब सागर और पश्चिम में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है
- विश्व में सबसे ज्यादा सांस्कृतिक और धार्मिक विभिन्नता
भारत की राजनीतिक विशेषताएं
- विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश
- संसदीय शासन प्रणाली
- संघीय शासन प्रणाली
- वर्तमान प्रधानमंत्री–नरेंद्र मोदी
- वर्तमान राष्ट्रपति– रामनाथ कोविंद
भारत की आर्थिक विशेषताएं
- आजादी के बाद भारत ने मिश्रित विकास के मॉडल को अपनाया जिसमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र को बराबर का महत्व दिया गया
- 1947 से लेकर 1991 तक भारत की वृद्धि दर सामान्य रही
- 1991 में भारत ने बड़े आर्थिक बदलाव करLPGको अपनाया
- यहीं से भारत के विकास को बल मिला
- 1991 के बाद से भारत के विकास की गति में तेजी आई
- वर्तमान में भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है
- विश्व का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक देश है
भारत की सैन्य विशेषताएं
- सैन्य क्षमता के अनुसार भारत विश्व के प्रथम पांच देशों में आता है
- सैनिकों की संख्या के अनुसार भारत का विश्व में दूसरा स्थान है
- परमाणु हथियार संपन्न देश
- यूएनओ की शांति सेना में योगदान
- उच्च गुणवत्ता के हथियार एवं प्रशिक्षित सैनिक भारतीय सेना की मुख्य विशेषता है
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