राष्ट्रीय आय एवं उसके प्रकार Notes in Hindi || CBSE Board Class 12 Economics Notes in Hindi ||

राष्ट्रीय आय एवं उसके प्रकार

This post is about the detailed notes of class 12 Economics Raashtreey aay evan usake prakaar in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Economics as a subject and studying in class 12th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.

यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 अर्थशास्त्र  राष्ट्रीय आय एवं उसके प्रकार के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में अर्थशास्त्र पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।

राष्ट्रीय आय एवं उसके प्रकार

आय

  • आर्थिक क्रियाओं द्वारा अर्जित धन आय कहलाता है

कारक आय 

  • कारक सेवाओं (भूमि, श्रम, पूंजी, उद्यम ) द्वारा अर्जित आय कारक आय (किराया, मजदूरी, ब्याज, उद्यमवृत्ति) कहलाती है। 

हस्तांतरण आय 

  • एकपक्षीय भुगतान को हस्तांतरण आय कहा जाता है। उदाहरण के लिए दान, उपहार आदि 

देश के सामान्य निवासी एवं गैर निवासी

  • देश में निवास करने वाले लोगों को उनकी आर्थिक रूचि के अनुसार दो भागों में बांटा जाता है: –
    • सामान्य निवासी 
    • गैर निवासी

सामान्य निवासी 

एक देश का सामान्य निवासी व्यक्ति होता है, जो साधारणतया  संबंधित देश में निवास करता है और उसकी आर्थिक रूचि भी उसी देश में होती है। 

आर्थिक रूचि

  • जब एक व्यक्ति एक देश में आर्थिक सौदा उत्पादन, उपभोग और निवेश अपनी आए के एक निर्धारित पैमाने पर करता है, तो कहां जाता है कि उस  व्यक्ति की आर्थिक रुचि संबंधित देश में है। 
  • निम्नलिखित व्यक्तियों को एक देश के सामान्य निवासियों की सूची में शामिल किया जाता है: –
    • भारत में स्थित विदेशी दूतावासों में काम करने वाले भारतीय। 
    • भारत में स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यालय में काम करने वाले भारतीय। 
    • शेष विश्व में भारत के राजदूत। 
    • भारत में 1 वर्ष से अधिक अवधि  से काम कर रहे विदेशी नागरिक। 

गैर निवासी

  • गैर निवासी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो एक देश में रहता है, परंतु उसकी आर्थिक रुचि किसी अन्य देश में होती है। 
  • निम्नलिखित व्यक्तियों को एक देश का  गैर निवासी माना जाता है: –
    • विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास में काम करने वाले विदेशी। 
    • भारत में में स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कार्यालयों में काम करने वाले विदेशी। 
    • भारत में शेष विश्व का राजदूत। 
    • 1 वर्ष से कम अवधि के लिए भारत में काम करने वाले विदेशी लोग। 

घरेलू एवं राष्ट्रीय आय की अवधारणा

घरेलू आय 

  • एक देश की घरेलू सीमा के अंदर देश के सामान्य निवासियों और निवासियों द्वारा अर्जित कुल आय कोई देश की घरेलू आय कहा जाता है। 
  • घरेलू आय को  शुद्ध घरेलू उत्पाद( NDPFC) कहा जाता है। 

राष्ट्रीय आय 

  • एक लेखा वर्ष के दौरान एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा अर्जित कारक आय का कुल जोड़ राष्ट्रीय आय कहलाता है। 
  • इसमें एक देश की घरेलू सीमा और बाहरी क्षेत्र दोनों में निवास करने वाले सामान्य निवासियों द्वारा अर्जित आय को जोड़ा जाता है। 
  • राष्ट्रीय आय को शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNPFC) कहा जाता है। 

एक देश की घरेलू सीमा

  • एक देश की घरेलू सीमा में निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया जाता है: –
  • एक देश की राजनीतिक सीमा के अंदर आने वाला क्षेत्र। 
  • एक देश की समुद्री सीमा के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र। 
  • एक देश के निवासियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में चलाए जाने वाली मछली पकड़ने की नौकाएं जलयान आदि। 
  • एक देश के निवासियों द्वारा विश्व के अन्य भागों में चलाए जाने वाले वायुयान तथा जलयान। 
  • एक देश के विदेशों में स्थित दूतावास

घरेलू आय का राष्ट्रीय आय में परिवर्तन

  • अगर घरेलू आय में से एक देश की घरेलू सीमा में  स्थित गैर निवासियों द्वारा अर्जित  कारक आय को घटा दिया जाए और एक देश के सामान्य निवासियों द्वारा शेष विश्व से अर्जित कारक आय को जोड़ दिया जाए तो घरेलू आय राष्ट्रीय आय में परिवर्तित हो जाती है। 
  • राष्ट्रीय आय = घरेलू  आय +  हमारे निवासियों द्वारा शेष विश्व से अर्जित कारक आय –  हमारी घरेलू सीमा में गैर वासियों द्वारा अर्जित कारक आय

विदेशों (शेष विश्व) से प्राप्त शुद्ध  कारक आय 

  • हमारे निवासियों द्वारा शेष विश्व से अर्जित कारक आय और हमारी घरेलू सीमा में गैर निवासियों द्वारा अर्जित कारक आय के अंतर को विदेशों (शेष विश्व) से प्राप्त शुद्ध  कारक आय कहा जाता है। 
  • इस प्रकार
    • राष्ट्रीय आय = घरेलू  आय + विदेशों (शेष विश्व) से प्राप्त शुद्ध  कारक आय
    • घरेलू  आय = राष्ट्रीय आय  –  विदेशों (शेष विश्व) से प्राप्त शुद्ध  कारक आय

मौद्रिक तथा वास्तविक GDP

  • मौद्रिक GDP 

    • एक लेखा वर्ष के दौरान चालू कीमतों पर GDP के आकलन को मौद्रिक GDP कहा जाता है। 
  • मौद्रिक GDP = Q X P

       Q = एक लेखा वर्ष के दौरान वस्तुओं एवं सेवाओं की कुल मांग

       P = एक लेखा वर्ष के दौरान वस्तुओं एवं सेवाओं की प्रचलित कीमत

  • वास्तविक GDP 

    • एक लेखा वर्ष के दौरान स्थिर कीमतों( आधार वर्ष की कीमतें) पर GDP के आकलन को वास्तविक GDP कहा जाता है 
  • वास्तविक GDP = Q X P*

       Q  =  एक लेखा वर्ष के दौरान  वस्तुओं एवं सेवाओं  की कुल मांग

       P* =   आधार वर्ष के दौरान वस्तुओं एवं सेवाओं की प्रचलित कीमत’

GDP अपस्फायक 

  • चालू कीमतों पर GDP एवं स्थिर कीमतों पर GDP के अनुपात को GDP अपस्फायक कहा जाता है
  • यह कीमतों में हुए परिवर्तन के कारण GDP में हुए परिवर्तन को दर्शाता है
  • इसकी गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जाती है
    • GDP अपस्फायक =  चालू कीमतों पर GDP /  स्थिर कीमतों पर GDP* 100

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