खनिज एवं ऊर्जा संसाधन (CH-7) Notes in Hindi || CBSE Board Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi ||

पाठ – 7

खनिज एवं ऊर्जा संसाधन

This post is about the detailed notes of class 12 Geography Chapter 7 khanij evan oorja sansaadhan (Mineral and Energy Resources) in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Geography as a subject and studying in class 12th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.

यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 भूगोल  अध्याय 7 खनिज एवं ऊर्जा संसाधन के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में भूगोल पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।

BoardCBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 7
Chapter Nameखनिज एवं ऊर्जा संसाधन (Mineral and Energy Resources)
CategoryClass 12 Geography Notes in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 7 Khanij evam urja sansadhan in Hindi
Class 12th (Geography) Ch 7 (Khanij evam urja sansadhan) in Hindi | Latest Syllabus 2021 | खनिज एवं ऊर्जा संसाधन | Book – 2 |

खनिज एवं ऊर्जा संसाध

खनि

  • खनिज एक प्राकृतिक पदार्थ है, जिन्हें खनन की प्रक्रिया द्वारा प्रकृति से प्राप्त किया जाता है 
  • उदाहरण के लिए: – 
  • लोहा, कोयला, बॉक्साइट आदि। 
  • खनिजों की रासायनिक एवं भौतिक विशेषताओं के आधार पर खनिजों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है। 

धात्विक खनि

  • वह खनिज धात्विक उत्पत्ति के होते हैं, धात्विक खनिज कहलाते हैं।
  • उदाहरण के लिए: –
    • लौह अयस्क, तांबा, सोना आदि। 
    • धात्विक खनिजों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है: – 

लौह 

  • वह खनिज जिसमें लौह अंश मौजूद होता है, लौह धात्विक खनिज कहलाते हैं।  
  • उदाहरण के लिए: –
    • लोहा 
    • मैंगनीज आदि। 

अलौ

  • वह खनिज जिसमें लोहे का अंश मौजूद नहीं होता, अलौह धात्विक खनिज कहलाते हैं
  • उदाहरण के लिए
    • तांबा बॉक्साइट आदि। 

अधात्विक खनिज 

  • अधात्विक खनिज कार्बनिक तथा अकार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं। 
  • अधात्विक खनिजों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है: –  

इंधन खनिज 

  • वह खनिज जो कार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं, ईंधन खनिज कहलाते हैं। उन्हें पृथ्वी में दबे प्राणियों एवं पादप जीवों से प्राप्त किया जाता है।  
  • उदाहरण के लिए: –
    • कोयला, पेट्रोलियम आदि। 

अन्य खनि

  • अन्य अधात्विक खनिज अकार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं।
  • जैसे: –
    • अभ्रक, चूना पत्थर, ग्रेफाइट आदि।

भारत में खनिज एजेंसियाँ

  • भारत में खनिजों का व्यवस्थित सर्वेक्षण तथा उनके अन्वेषण का कार्य अनेकों एजेंसियों द्वारा किया जाता है। 
  • उदाहरण के लिए: –
    • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) 
    • तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC)
    • खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (MECL)
    • राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
    • इंडियन ब्यूरो ऑफ़ माइंस (IBM)
    • भारत गोल्डमाइंस लिमिटेड (BGML)
    • राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कं. लि. (NALCO)

भारत में खनिजों का वितरण 

  • भारत में खनिज मुख्य तीन पट्टियों में वितरित है: –
  • उत्तर – पूर्वी पठारी प्रदे

    • इस पट्टी में ओडिशा के पठार, छोटानागपुर (झारखंड), छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से शामिल है। 
    • इस पट्टी के कुछ मुख्य खनिज निम्नलिखित है: –
    • कोयला, बॉक्साइट, लौह अयस्क, अभ्रक और मैंगनीज।   
    • इन खनिजों के कारण अधिकांश लोहा और इस्पात उद्योग यहाँ स्थित है। 
  • दक्षिण – पश्चिमी पठार प्रदे

    • इस पट्टी में गोवा, कर्नाटक,तमिलनाडु और केरल के हिस्सों शामिल है। 
    • गोवा में लौह अयस्क की खानें स्थित है। 
    • मोनाजाइट रेत और थोरियम के भंडार केरल में पाए जाते है। 
  • उत्तर – पश्चिमी प्रदे

    • इस पट्टी के खनिज धारवाड़ चट्टानों से जुड़े है, जो गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में पाए जाते है। 
    • इस पट्टी के मुख्य खनिज निम्नलिखित है: –
    • तांबा, जस्ता, ग्रेनाइट, संगमरमर, बलुआ पत्थर और जिप्सम आदि। 
    • यह चूना पत्थर और डोलोमाइट खनिजों के कारण, सीमेंट उद्योग यहां है। 
    • गुजरात और राजस्थान में नमक का भी उत्पादन होता है।  

ऊर्जा संसाधन 

  • वह सभी संसाधन जो ऊर्जा प्रदान करते हैं, ऊर्जा संसाधन कहलाते हैं। 
  • उदाहरण के लिए: – 
  • कोयला, पेट्रोलियम आदि।

ऊर्जा संसाधनों के प्रकार 

  • ऊर्जा के संसाधनों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जाता है: – 

परंपरागत संसाधन 

  • ऊर्जा के परंपरागत संसाधन ऊर्जा के अनवीकरणीय (समाप्त होने वाले) संसाधन है। 

अपरंपरागत संसाधन  

  • ऊर्जा के अपरंपरागत संसाधन ऊर्जा के नवीकरणीय संसाधन (असमाप्य संसाधन) है। 

ऊर्जा के परंपरागत संसाधन 

  • ऊर्जा के परंपरागत संसाधन उन संसाधनों को कहा जाता है, जिनका प्रयोग मानव एक लंबे समय से कर रहा है।  
  • ऊर्जा के परंपरागत संसाधन और अनवीकरणीय है अर्थात  एक बार उपयोग किए जाने के बाद इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता।  
  • ऊर्जा के परंपरागत संसाधन समाप्य हैं अर्थात एक समय के बाद यह सभी समाप्त हो जाएंगे 
  • विश्व में ऊर्जा के परंपरागत संसाधनों का वितरण असामान है। 
  • विश्व में प्रदूषण का मुख्य कारण ऊर्जा के परंपरागत संसाधन है।  
  • उदाहरण: –
    • कोयला, पेट्रोलियम आदि। 

ऊर्जा के अपरंपरागत संसाधन 

  • ऊर्जा के अपरंपरागत संसाधन उन संसाधनों को कहा जाता है जिनका प्रयोग मानव लंबे समय से नहीं कर रहा परंतु वर्तमान में उनका प्रयोग शुरू हुआ है। 
  • ऊर्जा के अपरंपरागत संसाधन नवीकरणीय है अर्थात एक बार उपयोग किए जाने के बाद इन्हें पुनः प्राप्त किया जा सकता है।  
  • ऊर्जा के अपरंपरागत संसाधन असमाप्य है अर्थात यह कभी भी समाप्त नहीं होंगे।  
  • परंपरागत संसाधनों की तुलना में अपरंपरागत संसाधन अधिक समान रूप से  वितरित है।  
  • इससे पर्यावरण को लगभग ना के बराबर नुकसान होता है।  
  • उदाहरण के लिए
    • सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा आदि।  

खनिजों का संरक्षण

  • एक देश की ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने में खनिज महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • खनिजों का संरक्षण करना आवश्यक है क्योंकि खनिज ऊर्जा के मुख्य साधनों में से एक है। 
  • खनिज एक समाप्य संसाधन है और एक समय के बाद समाप्त हो जाएंगे 
  • खनिजों को प्राकृतिक रूप से बनने में लाखों वर्षों का समय लगता है। 
  • इसी वजह से इनकी समाप्ति के बाद इन्हें प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। 
  • सतत पोषणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान दौर में खनिजों का संरक्षण करना जरूरी है ताकि आगे आने वाली पीढ़ी अभी खनिजों का भरपूर प्रयोग कर सकें। 

खनिजों का संरक्षण करने के उपा

  • क्योंकि खनिज एक समाप्य संसाधन हैं एवं उन्हें बनने में लंबा समय लगता है इसलिए इसका संरक्षण करना आवश्यक है 
  • इसका संरक्षण के निम्न तरीकों से किया जा सकता है: –
  • सीमित उपयोग 

    • वर्तमान में उपलब्ध खनिजों का सीमित उपयोग करके उनका संरक्षण किया जा सकता है ताकि भविष्य में भी उनकी उपलब्धता उसी तरह बनी रहे जिस तरह वर्तमान दौर में है। 
  • पुनः उपयोग 

    • धात्विक खनिजों का पूर्ण उपयोग करके उन्हें संरक्षित किया जा सकता है। 
  • ऊर्जा के अपरंपरागत स्रोतों का उपयोग 

    • ऊर्जा के अपरंपरागत स्रोतों का उपयोग करके खनिजों को संरक्षित किया जा सकता है ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ी भी अपनी जरूरतों को पूरा कर सके।

Our team is working day in day out to provide the best quality content to the students of Class 12 CBSE Board (Hindi Medium). We hope that CBSE Board class 12 Geography notes in Hindi helped you. If you have any suggestion or correction about CBSE Board Class 12 Detailed Notes, Important Questions, Quizzes, Objective Questions, PDF Notes and Last Year Papers or about anything else, so you can connect with us at [email protected] or comment below. Our team is always ready to implement your suggestions and corrections.

हमारी टीम कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड (हिंदी माध्यम) के छात्रों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान करने के लिए दिन-रात काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12 के भूगोल के हिंदी नोट्स ने आपकी मदद की है। यदि आपके पास सीबीएसई बोर्ड कक्षा 12 के विस्तृत नोट्स, महत्वपूर्ण प्रश्न, क्विज़, वस्तुनिष्ठ प्रश्न, पीडीएफ नोट्स और पिछले साल के पेपर या किसी अन्य चीज़ के बारे में कोई सुझाव या सुधार है, तो आप हमारे साथ [email protected] पर जुड़ सकते हैं या नीचे  Comment कर सकते हैं। 

Leave a Reply

You cannot copy content of this page