प्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम (CH-2) Notes in Hindi || CBSE Board Class 12 Geography Chapter 2 Notes in Hindi ||

पाठ – 2

प्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम

This post is about the detailed notes of class 12 Geography Chapter 2 pravaas – prakaar, kaaran aur parinaam (Migration: Types, Causes and Consequences) in Hindi for CBSE Board. It has all the notes in simple language and point to point explanation for the students having Geography as a subject and studying in class 12th from CBSE Board in Hindi Medium. All the students who are going to appear in Class 12 CBSE Board exams of this year can better their preparations by studying these notes.

यह पोस्ट सीबीएसई बोर्ड के लिए हिंदी में कक्षा 12 भूगोल  अध्याय 2 प्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम के विस्तृत नोट्स के बारे में है। इसमें सभी नोट्स सरल भाषा में हैं और सीबीएसई बोर्ड से हिंदी माध्यम से 12वीं कक्षा में एक विषय के रूप में भूगोल पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। वे सभी छात्र जो इस वर्ष की कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इन नोट्स को पढ़कर अपनी तैयारी बेहतर कर सकते हैं।

BoardCBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 2
Chapter Nameप्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम (Migration: Types, Causes and Consequences)
CategoryClass 12 Geography Notes in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 2 Pravas: prakar, kaaran or parinam in Hindi
Class 12th (Geography) Ch 2 (Pravas: prakar, kaaran or parinam) in Hindi | Latest Syllabus 2021 | प्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम | Book – 2 |

प्रवास – प्रकार, कारण और परिणाम

प्रवास

प्रवास का अर्थ व्यक्तियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की घटना को प्रवास कहते हैं

  • प्रवास के प्रकार

    • स्थाई
    • अस्थाई
    • मौसमी
  • प्रवास की धाराएं

    • प्रवास की धाराओं को मुख्य रूप से दो भाग में बाँटा जाता है 
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रवास

      • अंतर्राष्ट्रीय प्रवास जब कोई व्यक्ति एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहते हैं। 
      • उदाहरण के लिए यदि भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति भारत से जापान चला जाए तो इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहा जाएगा।
  • आंतरिक प्रवास

    • जब एक व्यक्ति द्वारा एक देश के अंदर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवास किया जाता है तो इसे आंतरिक प्रवास कहते हैं।  
    • उदाहरण के लिए भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति यदि भारत के क्षेत्र से किसी दूसरे क्षेत्र में चला जाए तो इसे आंतरिक प्रवास माना जाएगा। 
    • भारत में आंतरिक प्रवास की मुख्य 4 धाराओं को पहचाना गया है
      • नगर से नगर
      • नगर से गांव 
      • गांव से नगर 
      • गांव से गांव
  • प्रवास करने के कारण 

    • प्रतिवर्ष कारक 
    • अपकर्ष कारक 

प्रतिवर्ष कारक

  • प्रतिवर्ष कारक वह कारक होते हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति अपने रहने का स्थान छोड़कर किसी दूसरी जगह पर जाता है। 

उदाहरण के लिए: –

  • बेरोजगारी, रहन-सहन की खराब दशाएं, राजनीतिक अस्थिरता, खराब जलवायु, प्राकृतिक विपदा, महामारी, सामाजिक पिछड़ापन आदि। 

अपकर्ष कारक

  • अपकर्ष कारक वह कारक होते हैं जिनकी वजह से एक व्यक्ति किसी क्षेत्र में जाने के लिए प्रेरित होता है। 

उदाहरण के लिए: –

  • रोज़गार के अवसर, रहने की अच्छी स्थिति, अनुकूल जलवायु, शांति, स्थिरता, सुरक्षा आदि। 

प्रवास के परिणाम 

  • आर्थिक परिणाम

    • भारत से होने वाले अंतर्राष्ट्रीय प्रवास के कारण भारत को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा की प्राप्ति होती है, परंतु इससे भारत के मानव संसाधन का नुकसान होता है। 
    • भारत में गांव से नगर की ओर रोज़गार की तलाश में होने वाले प्रवास के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है क्योंकि शहरों में अर्जित किया गया धन व्यक्ति द्वारा वापस अपने गांव भेजा जाता है। 
  • जनांकिकीय परिणाम

    • प्रवास के कारण क्षेत्र की जनांकिकीय संरचना में परिवर्तन आता है।  
    • रोज़गार की तलाश में गांव से शहरों में होने वाले प्रवास के कारण शहरों में पुरुषों की संख्या अधिक हो जाती है जबकि गांव में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। 
  • सामाजिक परिणाम 

    • गांव से पुरुषों के रोज़गार की तलाश में शहर जाने की वजह से गांव में स्थित महिलाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। 
    • पुरुषों की अनुपस्थिति में उन्हें सभी जिम्मेदारियां उठानी पड़ती है और सामाजिक संरचना को नुकसान पहुँचता है। 
  • पर्यावरणीय परिणाम 

    • शहरों की तरफ होने वाले अत्यधिक प्रवास के कारण शहरी संसाधनों पर जनसंख्या का दबाव पड़ता है इसी वजह से दिल्ली और मुंबई जैसे कई क्षेत्रों में मलीन बस्तियों का उदय होता है, जहां पर सुविधाएँ लगभग ना के बराबर होती है। 

 

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